लखनऊ मेट्रो रेल परियोजना-एक भूविज्ञानी आंकलन

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एस0 के0 कुलश्रेष्ठ
संजय शुक्ल

Abstract

महानगरों में आज के समय मेट्रो रेल यातायात का एक सुरक्षित एवं त्वरित साधन बनता जा रहा है। लखनऊ का चहुमुखी विकास लगभग 240 वर्ग किलोमीटर के दायरे मे फैला हुआ है और इसकी आबादी 48 लाख के लगभग पहुँच चुकी है। स्वतंत्रता के बाद जनसंख्या में हुई तीन गुनी बढ़ोतरी एवं नगर के अनियोजत विकास के कारण अवध संस्कृति के केन्द्र रहे लखनऊ शहर में अंधाधुध बढ़ते हुए यातायात तंत्र के अनुरूप सड़कों को और अधिक चौड़ा करना असंभव सा हो गया है। इन परिस्थितियों में उत्तर प्रदेश शासन के आवास एवं नगरीय विकास विभाग ने लखनऊ मेट्रो रेल परियोजना का बीड़ा उठाया है। प्रस्तावित मेट्रो रेल (भूमिगत एवं उपरिगामी) की कुल लम्बाई 36 कि0मी0 होगी। उत्तर-दक्षिण कॉरीडोर अमौसी से मुंशी पुलिया तक है। इसकी दूरी 23 कि0मी0(उपरिगामी-14.87 कि0मी0, रैम्प-1.0 कि0मी0, व भूमिगत-7.2 कि0मी0) है, तथा अनुमानित लागत रू0 7,413 करोड़ है। इसी प्रकार पूर्व-पश्चिम कॉरीडोर चारबाग से वसंत कुन्ज(हरदोई रोड) तक है। इसकी दूरी 11 कि0मी0(उपरिगामी-4.29 कि0मी0, रैम्प-0.5 कि0मी0, व भूमिगत -6.3 कि0मी0) होगी, तथा अनुमानित लागत रू0 4,879 करोड़ है। इस प्रस्तावित परियोजना के निर्माण में दिल्ली मेट्रो रेल कार्पोरेशन का सहयोग भी लिया जा रहा है। इसका लक्ष्य वर्ष 2014 से करने का लक्ष्य रखा गया है।

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1.
कुलश्रेष्ठए, शुक्लस. लखनऊ मेट्रो रेल परियोजना-एक भूविज्ञानी आंकलन. ANSDN [Internet]. 24Jul.2014 [cited 27Aug.2025];2(01):211-4. Available from: https://www.anushandhan.in/index.php/ANSDHN/article/view/1016
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Review Article