्रकृति की अनमोल देंन वृक्ष

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उदय शंकर अवस्थी

Abstract

वृक्ष प्रकृति की एक अनमोल देन है। इस बात को प्राचीन काल से ही जाना जाता रहा है और यही वजह है कि भारत में वृक्षों को पूजा जाता रहा है। आज भी यह प्रथा कायम है। वृक्ष हमारे परम हितैषी निस्वार्थ सहायक अभिन्न मित्र है। आयुर्वेदिक चिकित्सा प्रणाली मे वृक्षों का अत्याधिक महत्व है। वृक्षों के बिना अधिकांश जीवों की कल्पना भी नही की जा सकती। वृक्षों से ढके पहाड़, फल और फूलों से लदे वृक्ष, बाग, बगीचे मनोहारी दृश्य उपस्थित करते है और मन को शांति प्रदान करते है। वृक्षों से अनेकों लाभ है जैसे वृक्ष अपनी भोजन प्रक्रिया के दौरान वातावरण से कार्बन डाई आॅक्साइड लेते है और आॅक्सीजन छोड़ते है जिससे अनेक जीवों का जीवन संभव हो पाता है। वृक्षों से हमे लकड़ी, घास, गोंद, रेजिन, रबर, फाइबर, सिल्क, टैनिन, लैटेक्स, हड्डी, बांस, केन, कत्था, सुपारी, तेल, रंग, फल, फूल, बीज तथा औषधियाँ प्राप्त होती है। वृक्ष पर्यावरण को शुद्ध करने का कार्य करते है और प्रदूषण को दूर करते है। ध्वनि प्रदूषण को दूर करते है। वायु अवरोधक की तरह काम करते है और इस तरह आंधी तूफान से होने वाली क्षति को कम करते है। वृक्ष की जड़ मिट्टी को मजबूती से पकड़ कर रखती है जिससे भूमि कटान रूकता है। अन्यथा पहाड़ों पर से मिट्टी बह कर मैदानी क्षेत्रों मे आती है और वहाँ वह नदियों के धरातल में जमा हो कर नदियों की गहराई को कम कर देती है

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1.
अवस्थीउ. ्रकृति की अनमोल देंन वृक्ष. ANSDN [Internet]. 24Jul.2014 [cited 27Aug.2025];2(01):219-20. Available from: https://www.anushandhan.in/index.php/ANSDHN/article/view/1020
Section
Review Article