पुष्प उत्पादन में महिलाओं की भूमिका व रोजगार के अवसर
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पूरे विश्व की आधी जनसंख्या महिलाओं की है तथा प्राचीन काल से ही नारी का योगदान, अनाज, फल-फूल, सब्जियां उगाने तथा भण्डारण एवं संरक्षण में सराहनीय रहा है| हमारे देश मेँ पूरे परिवार के लिए भोजन प्रबंध, पोषण, रखरखाव व भण्डारण की पूरी जिम्मेदारी महिलाओं पर ही होती है। यदि घर की महिला थोड़ी जागरूक हो तो वह भोजन को संतुलित करके पूरे परिवार के पोषण स्तर को ठीक रख सकती है और भोजन में विविधता लाकर उसे आकर्षक बना सकती है। अनाज, दालों, सब्जियों के अतिरिक्त आजकल पुष्प उद्योग भी बड़ी तेजी से बढ़ रहा है जिसमें महिलाओं के लिए रोजगार की आपार संभावनाएं हैं| फल एवं सब्जियों की तरह कटाई एवं तुड़ाई के बाद फूल भी शीघ्र खराब हो जाते हैं| फूलों का परिरक्षण घर में, छोटे एवं बड़े स्तर पर भी किया जा सकता है। यदि थोड़ी बहुत पढ़ी लिखी नौजवान महिलायें इस ओर जागरूक हो जाएं तो वे फूलों में मूल्य-संवर्धन करके इनकी गुणवत्ता को बनाए रख सकती हैं। काम से हमें व्यक्तित्व और जीने के लिए धन कमाने का गौरव प्राप्त होता है। पुष्पोत्पादन महिलाओं की आय में वृद्धि, उनके अधिकार व आत्मनिर्वाह का अवसर देता है| आजकल फूलों की खेती एक महत्वपूर्ण कृषि-व्यवसाय बन गया है जो कि ग्रामीण और शहर से लगते इलाकों में रोजगार के अच्छे अवसर प्रदान कर रहा है। जिन इलाकों में पहले से ही महिलायें इस व्यवसाय से जुड़ी हैँ वो पुष्पोत्पादन की आधुनिक तकनीकी को अपनाकर अपनी आय को और बढ़ा सकती हैं।
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1.
धीमानम, प्रकाश च. पुष्प उत्पादन में महिलाओं की भूमिका व रोजगार के अवसर. ANSDN [Internet]. 24Jul.2013 [cited 27Aug.2025];1(01):148-52. Available from: https://www.anushandhan.in/index.php/ANSDHN/article/view/1623
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Review Article