नैनो - मैटीरियल आधारित संवेदक
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Abstract
विगत तीन दशकों से संवेदक के क्षेत्र में अभूतपूर्व प्रगति हुई है। इनके निम्न गुणों जैसे कि इनका आसानी से प्रयोग, शीघ्रता से पता करना व कम लागत आदि के कारण संवेदक परम्परागत विश्लेषणात्मक तकनीकी से हटकर बहुत ही उपयोगी सिद्ध हो रहे हैं।
आधुनिक युग में अति सूक्ष्म प्रौद्योगिकी में महत्वपूर्ण प्रगति के कारण नैनो-मैटीरियल पर आधारित संवेदक का विश्लेषण करने में उपयोग हो रहा है| संवेदक ऐसा उपकरण है जो कि भौतिक गुणों की पहचान करते हुए उसका मापन करता है| संवेदक के व्यापक प्रभाव को पर्यावरण निगरानी, चिकित्सा, खाद्य सुरक्षा तथा मानव सुरक्षा में देखा जा सकता है। इसलिए ऐसे संवेदक के खोज एवं विकास की आवश्यकता महसूस हुई जिनका आयाम नैनोमीटर के पैमाने में हो सके क्योंकि जब पदार्थ का आयाम अतिसूक्ष्म होता है तो इनका पृष्ठ से आयतन अनुपात ज्यादा होता है। इस अनुपात के बढने से पदार्थ का पृष्ठगुण सम्पूर्ण पदार्थ से ज्यादा होता है।
आधुनिक युग में अति सूक्ष्म प्रौद्योगिकी में महत्वपूर्ण प्रगति के कारण नैनो-मैटीरियल पर आधारित संवेदक का विश्लेषण करने में उपयोग हो रहा है| संवेदक ऐसा उपकरण है जो कि भौतिक गुणों की पहचान करते हुए उसका मापन करता है| संवेदक के व्यापक प्रभाव को पर्यावरण निगरानी, चिकित्सा, खाद्य सुरक्षा तथा मानव सुरक्षा में देखा जा सकता है। इसलिए ऐसे संवेदक के खोज एवं विकास की आवश्यकता महसूस हुई जिनका आयाम नैनोमीटर के पैमाने में हो सके क्योंकि जब पदार्थ का आयाम अतिसूक्ष्म होता है तो इनका पृष्ठ से आयतन अनुपात ज्यादा होता है। इस अनुपात के बढने से पदार्थ का पृष्ठगुण सम्पूर्ण पदार्थ से ज्यादा होता है।
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How to Cite
1.
अंसारीम, प्रजापतिर. नैनो - मैटीरियल आधारित संवेदक. ANSDN [Internet]. 24Jul.2013 [cited 27Aug.2025];1(01):187-8. Available from: https://www.anushandhan.in/index.php/ANSDHN/article/view/1636
Section
Review Article